Sr. Medical Physicist Clatterbridge Centre for Oncology Bebington CH63 4JY United Kingdom
Chairman: Trust Cancer Hospital near Balwa gate ( Shamli ) on Delhi- Saharanpur Road -
Dear Umar,
Rajendra.Kumar@ccotrust.nhs.uk -- (2-05-2005)
A Historical city of Western-Up, India
तरतीबः उमर कैरानवी
पंकज त्रिपाठी 'अमर उजाला, 30 मार्च 2004, पृष्ठ 13,
निर्णायक होते हैं जाट और मुस्लिम जीत में जाटऔर हार में मुस्लिम मतों की भूमिका महत्वपूर्णवैसे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाटों का ही सिक्का चला है। चाहे वह मतदाता के रूप में हों या फिर प्रत्याशी के रूप में अथवा दलों के नेतृत्व की कमान संभालने वालों के रूप में। हर मोड पर जाट वोटरों के ठाठ यह हैं कि अब तक के 13 लोकसभा चुनाओं में एकतरफा मतदान ने उनके मनपसंद नेता को जीत का सेहरा बंधावाया है। किन्तु इस दिलचस्प तथ्य को भी मानना पडेगा कि दूसरे नम्बर पर मुस्लिमों का ही कब्जा रहा है। हर जीत में जाट तो विरोधियों की हार में मुस्लिमों का बडा हाथ रहा है।कैराना लोकसभा सीट का गणित सीधा होते हुए भी बडा उलझा हुआ है। जाटों का पूर्ण समर्थन आसान जीत के रूप मे ंसामने आता है, तो मुस्लिमों का एकतरफा मतदान भारी मुशकिलें खडी कर देता है। जीत न सही, लेकिन अपने लक्ष्य यानी दूसरे को हराने में मुस्लिम मतों की निणायक भूमिका रही है। यह भी दिलचस्प है कि जब दो मुस्लिम लडे, तो वोट भी बंटे और मुसलमानों की उदासीनता का सीधे असर मतदान प्रतिशत पर पडा।कैराना सीट पर वर्ष 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महावीर त्यागी को जाटों के एकतरफा मतदान से आधे से अधिक 63.7 प्रतिशत मत मिले थे, वहीं जनसंघ के प्रत्याशी जे आर गोयल को मात्र 13.8 प्रतिशत वोट मिले। इसमें मुस्लिम मतों की रूचि नही रही, तभी निर्दलीय प्रत्याशी गोयल को बराबर वोट हासिल हुए थे। ()नोटः www.muzaffarnagar.nic.in में सहारनपुर-मुज़फ्फर नगर नार्थ अजीत प्रसाद जैन एवं मुज़फ्फरनगर साउथ हीरा बल्भ त्रिपाठी लिखा है .....स.) 1957 के चुनाव में सुंदरलाल को 21.8 तथा अजीत प्रसाद जैन को 17.3 प्रतिशत मत मिले थे। इस चुनाव में भी जाट वोटों ने जीत सुनिश्चित की थी। मुस्लिमों ने मतदान में खास रूचि नहीं दिखाई थी। वर्ष 1962 का चुनाव जाटों का चुनौती देने वाला रहा। ठाकुर यशपाल सिंहने निर्दलिय चुनाव लडा और कांगे्रस के अजीत प्रसाद जैन को बुरी तरह हराया। उन्हें 48.4 प्रतिशत वोट मिले थे। जैन को महज 29.2 प्रतिशत वोट मिले थे। यहां 66.5 प्रतिशत अब तक का सर्वाधिक मत प्रतिशत रहा। 1967 के चुनाव में मुस्लिमों ने पहली बार जमकर मतदान किया। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के गैयूर अली खां को 26.4 प्रतिशत वोट मिले। अजीत प्रसाद जैन कांग्रेस को लगातार तीसरी बार हारने से नहीं बचा पाए। जबकि उन्हें 25.9 प्रतिश वोट हासिल हुए थे।()नोटः www.muzaffarnagar.nic.in में देख सकते हैं में 1971 शफक्कत जंग...लिखा है...स.) वर्ष 1977 में जाटों ने भारतीय लोकदल के चंदन सिंह को 64.6 प्रतिशत वोट दिलाए, वहीं मुस्लिम मत पाकर भी शफक्कत जंग कांगे्रस 25.5 प्रतिशत वोट पर सिमट गए। 1980 में जाट वोट फिर हावी रहे और गायत्री देवी ने 48.8 प्रतिशत वोट लेकर कांग्रेस के नारायण सिंह को 34.6 प्रतिशत मतों पर समेट दिया था। वर्ष 1984 में अख्तर हसन ने एकतरफा मुस्लिम वोट बटौरे और लोकदल के श्याम सिंह के मुकाबले 53 प्रतिशत मत हासिल किए। सिंह को 30.9 प्रतिशत वोट मिले थे। मुस्लिमों का जोश इस बार जाट वोट बैंक पर भारी पडा। वर्ष 1989 और 1991 मेें जाटों ने हरपाल पंवार के सिर जीत का सेहरा बांधा। उन्हें 89 में कांग्रेस के बशीर अहमद के मुकाबले 58.9 प्रतिशत वोटों की धमाकेदार जीत मिली।1991 में भाजपा के उदयवीर सिंह पेलखा को 40.1 प्रतिशत मतों से संतोष करना पडा था। यहां जाट वोटों पर खासी मशक्कत की गई, लेकिन वोट पंवार को ही मिले। 1996 में एक बार फिर मुस्लिम मतों का ध््राुवीकरण हुआ और मुनव्वर हसन की कडी टक्कर मिली क्योंकि उदयवीर सिंह ने जाटों को लुभाया था। यहां सपा प्रत्याशी हसन को 32.75 तथा भाजपा के उदयवीर को 30.97 प्रतिशत मत मिले थे। इस चुनाव में मुस्लिम मत बंट गया तथा बसपा के जिल्ले हैदर को 75 हजार मत मिले। वर्ष 1998 के चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र वर्मा ने जाटों का एकतरफा समर्थन हासिल कर मुनव्वर हसन को 62.185 मतों से हराया था। जाट ध््राुवीकरण मुस्लिम वोटों पर हावी रहा।1999 में लोकदल के अमीर आलम कांग्रेस के साथ मिलकर लडे तथा निरंजन मलिक जाट प्रत्याशी होने के बावजूद दूसरे नम्बर पर रहे। () 2004 में जाट और मुस्लिम ने अनुराधा चैधरी को विजय दिलाई। कैराना में अनुराधा को चैधरी मुनव्वर हसन का सहयोग मिला और मुज़फ्फर नगर सीट पर जाटों ने चैधरी मुनव्वर हसन को सहयोग देकर विजय दिलाई।..स.()()कैराना और मुज़फ्फर नगर का रिकार्ड www.muzaffarnagar.nic.in में देख सकते हैं
Zamin Saheed yaadgar [ajanta to phuwwara Road] |